ईश्वर करे आपकी जिन्दगी का हर दिन हर आने वाला पल प्यार, सुख, समृधि, आनंद, कामयाबी, और सेहत के रंगों से सरोबर हो जाय – होलिका दहन के साथ अन्याय एवं हर मुसिबल जल कर खाख हो जाए
Section 151 उप-धारा (1) के तहत गिरफ्तार किसी भी व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के समय से चौबीस घंटे से अधिक की अवधि के लिए हिरासत में नहीं रखा जाएगा जब तक कि इस संहिता या किसी अन्य कानून के किसी अन्य प्रावधान के तहत उसकी और हिरासत की आवश्यकता या अधिकृत न हो।
मोहित बजाज (अधिवक्ता) , साइबर एक्सपर्ट – आए दिन साइबर अपराधों में वृद्धि हो रही है, रोज नए नए तरीको से साइबर अपराध हो रहे हैं ऐसे में एक रेल कर्मचारी द्वारा सेक्स चैट’ (अश्लील बातचीत) के लिए एक महिला का मोबाइल नंबर कथित रूप से सार्वजनिक किया गया, आरोपी पीड़ित महिला से बदला लेना चाहता था और इस काम के लिए यूट्यूब से सीखकर एक वॉट्सऐप अकाउंट बनाया था।
Mohit Bajaj (Advocate) , Cyber Expert
आरोपी की पहचान पश्चिमी करावल नगर निवासी अमित यादव के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि अमित ने महिला से बदला लेने के लिए ऐसा किया था क्योंकि महिला ने अपने एक रिश्तेदार की बेटी से संबंध रखने को लेकर उसे डांट दिया था। डांट से ग़ुस्सा हो कर उसने बदला लेने की भावना से उस महिला का नंबर वायरल करने की कोशिश की, महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे कई नंबरों से ‘सेक्स चैट’ के लिए कई संदेश और फोन कॉल आ रहे हैं। पुलिस ने महिला के घर के आस-पास गहन पूछताछ की और अन्य इलेक्ट्रॉनिक विवरण- आईपी एड्रेस समेत- और कई नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड एकत्र किए, जिनसे उसे फोन किया गया था। इस सन्दर्भ में साइबर एक्सपर्ट , मोहित बजाज (अधिवक्ता) ने कहा की अगर कोई भी आपको इस प्रकार से गुमराह करने की कोशिश करे तो आप डरना नहीं बल्कि सीधा सम्बंधित पुलिस स्टेशन अर्थात महिला हेल्पलाइन आदि में सूचित करें। ऐसे आरोपियों के हौसले तभी बुलंद होते हैं जब आप डरना शुरू करते हैं। पूछताछ के दौरान आरोपी अमित यादव ने खुलासा किया कि वह भारतीय रेल में कैटरिंग स्टाफ के रूप में काम करता है और जनवरी 2020 में वह एक लड़की के संपर्क में आया था, जो शिकायतकर्ता की बहन थी और उसके साथ ट्रेन में यात्रा कर रही थी।
हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण महाकाव्य रामायण की रचना उन्होंने ही की थी. संस्कृत में लिखी ये रामायण ही सबसे प्राचीन मानी गई है. संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना करने के कारण आदि कवि के नाम से भी महर्षि वाल्मीकि को जाना जाता है, साइबर एक्सपर्ट मोहित बजाज (एडवोकेट) ने वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा की एक बार रत्नाकर डाकू ने जंगल में नारद मुनि को बंदी बना लिया था, तब नारद जी ने पूछा कि इन गलत कार्यों से तुम्हें क्या मिलेगा? रत्नाकर बोला ये मैं परिवार के लिए करता हूं, नारद जी ने उसे कहा कि जिसके लिए तुम गलत मार्ग पर चल रहे हो उनसे पूछो की क्या वह तुम्हारे पाप कर्म का फल भोगेंगे।
नारद जी की बात सुनकर रत्नाकर ने अपने परिवार से पूछा, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इस घटना से रत्नाकर बहुत दुखी हुआ और गलत मार्ग का त्याग करते हुए राम की भक्ति में डूब गया. इसके बाद ही उन्हें रामायण महाकाव्य की रचना करने की प्रेरणा मिली।