हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण महाकाव्य रामायण की रचना उन्होंने ही की थी. संस्कृत में लिखी ये रामायण ही सबसे प्राचीन मानी गई है. संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना करने के कारण आदि कवि के नाम से भी महर्षि वाल्मीकि को जाना जाता है, साइबर एक्सपर्ट मोहित बजाज (एडवोकेट) ने वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा की एक बार रत्नाकर डाकू ने जंगल में नारद मुनि को बंदी बना लिया था, तब नारद जी ने पूछा कि इन गलत कार्यों से तुम्हें क्या मिलेगा? रत्नाकर बोला ये मैं परिवार के लिए करता हूं, नारद जी ने उसे कहा कि जिसके लिए तुम गलत मार्ग पर चल रहे हो उनसे पूछो की क्या वह तुम्हारे पाप कर्म का फल भोगेंगे।
नारद जी की बात सुनकर रत्नाकर ने अपने परिवार से पूछा, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इस घटना से रत्नाकर बहुत दुखी हुआ और गलत मार्ग का त्याग करते हुए राम की भक्ति में डूब गया. इसके बाद ही उन्हें रामायण महाकाव्य की रचना करने की प्रेरणा मिली।
Mohit Bajaj (Advocate), Cyber Expert